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बड़ी खबर: खातीखेड़ा परिवार को मिला राहत पैकेज और पक्का आवास

भींडर / मावली – मावली तहसील के गाँव खातीखेड़ा निवासी लीला कंवर चुंडावत, पत्नी नरपत सिंह राठौड़ (जोधा), जिन्होंने कुछ समय पहले अपनी दयनीय परिस्थितियों को लेकर समाज और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी, अब राहत महसूस कर रही हैं।

जानकारी के अनुसार, उनके पति नरपत सिंह राठौड़ फेफड़ों की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और लंबे समय तक ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर होकर तिरपाल के झोपड़े में जीवन यापन कर रहे थे। लीला कंवर ने बताया कि उनके दो बच्चे—9 वर्षीय पुत्र और 7 वर्षीय पुत्री—भी इन कठिन हालातों में जीवन जीने को मजबूर थे। परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर होने के कारण उनका पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया था।

स्थानीय समाजजनों और गाँववालों ने प्रशासन एवं भामाशाहों से परिवार की मदद के लिए अपील की थी।

राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान ने तुरंत कदम उठाते हुए 3.90 लाख रुपये सीधे लीला कंवर के खाते में पहुंचाए। साथ ही परिवार को एक इलेक्ट्रिक मोटर वाली सिलाई मशीन श्रीमान जय सिंह चंद्रावत (हरिगढ़ हाउस, 63 पोल्ट्री एस्टेट, अकेलगढ़, रावतभाटा रोड, कोटा) के द्वारा प्रदान की गई। पक्का आवास निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है, जिसे संस्था की देखरेख में पूरा किया जाएगा। इसी के अंतर्गत ₹51,000 कुशपाल सिंह सोलंकी (ठी झीलवाड़ा, जिला राजसमंद) के द्वारा प्रदान किए गए।

आज संस्था के सदस्य कुलदीप सिंह चुंडावत, किशोर सिंह चुंडावत, वीरेंद्र सिंह चुंडावत, बलवंत सिंह चुंडावत, गोवर्धन सिंह चुंडावत, महेंद्र सिंह चौहान, और जगत सिंह चुंडावत ने जाकर कड़ी का अंतिम फॉर्म भरकर पूरी राशि का हिसाब दिया।

इस पहल से मावली क्षेत्र में सामाजिक सहयोग और मानवता की एक बार फिर मिसाल पेश की गई है।

📰 राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान: समाज के लिए एक मिसाल

राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान समाज के उत्थान, एकता और सशक्तिकरण के लिए कार्यरत एक प्रमुख संगठन है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्रों में सक्रिय योगदान देता है।

मुख्य पहलें:
शिक्षा: जरूरतमंद बच्चों के लिए स्कॉलरशिप और होनहार छात्रों के लिए कोचिंग।
सामाजिक व आर्थिक सहायता: गरीब, विधवा और अनाथ परिवारों को मदद; सामूहिक विवाह सम्मेलन।
स्वास्थ्य सेवाएँ: मुफ्त चिकित्सा शिविर और दवाइयाँ।
महिला सशक्तिकरण: बेटियों की शिक्षा और महिलाओं को कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना।
संस्कृति संरक्षण: राजपूत परंपराओं और ऐतिहासिक महापुरुषों की जयंती का आयोजन।

पारदर्शिता:
राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान पूर्ण पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। संस्थान की कोई बैंक खाता नहीं है और सभी मदद की राशि सीधे जरूरतमंद के खाते में पहुंचाई जाती है।

संस्थान का महत्व:
यह संगठन समाज के हर वर्ग को जोड़ता है और कमजोर परिवारों को मुख्यधारा में लाकर समाज में शिक्षा, एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है।

जुड़ें और योगदान दें:
संस्थान से जुड़कर आप भी समाज के विकास और कल्याण में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

पत्रिका खबर  12 अगस्त 

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